Tea Bags Side Effects: इस समय ट्री बैग(Tea Bag) का प्रयोग खूब हो रहा है. खासकर ऑफिस और होटल्स में तो इनका प्रयोग खूब रहा है. सर्दियों के मौसम में ज्यादातर लोग ऑफिस में चाय की चुस्की लेते रहते है लेकिन ताजा स्टडी में पता चला है कि टी-बैग्स का इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक होता है. जानते हैं इस स्टडी के बारे में विस्तार में.
चाय कई लोगों को बेहद पसंद होती है. खासकर सर्दियों में इसे पीने का अपना अलग मजा होता है. लोग अक्सर सर्दियों में खुद को गर्म रखने के लिए इसे पीना पसंद करते हैं. चाय की बढ़ती इसी आदत को देखते हुए इस दिनों टी-बैग वाली चाय काफी चलन में आने लगी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आलस और सुस्ती को भगाने के लिए आप जिस टी-बैग का प्रयोग कर रहे है.
वह सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है. हाल ही में इसे लेकर एक ताजा स्टडी सामने आई है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस ताजा स्टडी में पता चला कि अगर आप टी-बैग वाली चाय पीते हैं, तो इससे आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है.
क्या कहती है स्टडी ?(Tea Bags Side Effects)
केमोस्फीयर में प्रकाशित ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना(Universitat Autònoma de Barcelona) के एक हाल ही में एक अध्ययन से जानकारी मिली है कि ट्री बैग वाली चाय पीने से सेहत बहुत नुकसान होता हैं. क्योंकि ये पॉलिमर बेस्ड टी-बैग होते हैं,जो ज्यादातर एक अर्ध-क्रिस्टलीय पॉलियामाइड,थर्मोप्लास्टिक और सेलूलोज जैसे पदार्थों से बने होते हैं.
जिसमें गर्म पानी के डालने के बाद न जाने न कितनी मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक तथा नैनोप्लास्टिक्स छोड़ते हैं. ये अरबों की संख्या में छुटे हुए प्लास्टिक के कण हमारे खून में प्रवेश कर सकते हैं और गट सेल्स द्वारा अब्जॉर्ब हो सकते हैं, जिससे सेहत को काफी नुकसान होने की उम्मीद रहती है.
वैज्ञानिकों ने पाया कि पॉली प्रोपाइलीन वाले ट्री बैग से बनाई गई चाय की एक बूंद में प्लास्टिक के लगभग 1.2 बिलियन कण निकलते हैं. सेलूलोज के 135 मिलियन कणों और नायलॉन-6 के 8.18 मिलियन निकलते हैं. इस स्टडी में पता चला कि इन पार्टिकल्स इंटेस्टाइनल सेल्स को सोख लेते हैं, जो बाद में शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं.
माइक्रोप्लास्टिक्स क्या हैं?
माइक्रोप्लास्टिक्स प्लास्टिक के बहुत छोटे पार्टिकल्स होते हैं, जो अलग-अलग सोर्स से आते हैं. ये माइक्रोप्लास्टिक समुद्र और ग्रेट लेक्स में जाकर जलीय जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. साथ ही यह सेहत के लिए भी हानिकारक होते हैं. कई अध्ययनों में ब्रेन,लिवर,किडनी जैसे अंगों में इनके जमा होने के प्रमाण मिले हैं, जिसे गंभीर नुकसान हो सकते हैं.