Hunger Affects Brain Function: क्या आपने कभी महसूस किया है कि जब भूख लगती है, तो दिमाग ठीक से काम नहीं करता? चाहे आप किसी भी काम में लगे हों, जैसे ही भूख का एहसास होता है, आपकी सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होने लगती है. यह केवल एक सामान्य अनुभव नहीं है, बल्कि इसका वैज्ञानिक कारण भी है. आइए जानते हैं कि भूख और दिमाग का आपस में क्या कनेक्शन है और क्यों खाली पेट रहने पर दिमाग काम करना बंद (Hunger Affects Brain Function) कर देता है.
खाली पेट रहने से क्या होता है?
जब हमें भूख लगती है, तो हमारे शरीर में गट हार्मोन घ्रेलिन(Hormone Ghrelin) का स्तर बढ़ जाता है, जो सीधे दिमाग पर असर डालता है. इस हार्मोन का स्तर बढ़ने से दिमाग की कार्यक्षमता प्रभावित होती है. खाली पेट रहने से ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आता है, जिससे सुस्ती और थकान महसूस होती है. साथ ही, स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर भी बढ़ जाता है, जो मानसिक तनाव और चिंता को बढ़ाता है, और इस कारण दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता.
भूख का दिमाग से कनेक्शन
विज्ञान में एक दिलचस्प तथ्य सामने आया है कि दिमाग का वह हिस्सा जो फैसले लेने का काम करता है, वह गट में मौजूद हंगर हार्मोन पर निर्भर होता है. जब घ्रेलिन का स्तर अधिक हो जाता है, तो यह दिमाग की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है. शरीर में बनने वाला 50% डोपामिन और 95% सेरोटोनिन गट में ही बनता है. डोपामिन, एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो हमें खुशी और संतुष्टि का अहसास कराता है, जैसे खाने के बाद या नींद पूरी होने पर.
भूख के कारण दिमाग का काम न करना(Hunger Affects Brain Function)
जब हम भूखे होते हैं, तो न तो सेरोटोनिन बन पाता है, न ही डोपामिन. इसके बजाय, शरीर में कोर्टिसोल बनने लगता है, जो स्ट्रेस को बढ़ाता है और मूड को खराब करता है. इसके अलावा, ब्रेन से सीधे पेट और कोलन तक जाने वाली वेगस नर्व गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के सिग्नल दिमाग तक भेजती है, जिससे दिमाग को यह संकेत मिलता है कि शरीर तनाव में है. यही कारण है कि जब किसी चीज को लेकर घबराहट या नर्वसनेस होती है, तो पेट में दर्द होने लगता है.
इस प्रकार, भूख और दिमाग के बीच एक गहरा संबंध है, जो न केवल मानसिक स्वास्थ्य बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. जब हमें भूख लगती है, तो हमारा दिमाग अस्थायी रूप से काम करना बंद कर देता है, और यह सभी के लिए एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया है. इसलिए, अपने शरीर को समय-समय पर उचित आहार देना जरूरी है, ताकि दिमाग सही तरीके से कार्य कर सके और मानसिक शांति बनी रहे.