Fitness and Exercise – Wellnesshealthorganic.com https://wellnesshealthorganic.com Wellnesshealthorganic Fri, 20 Dec 2024 10:31:54 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://wellnesshealthorganic.com/wp-content/uploads/2024/06/cropped-Green_and_White_Circle_Modern_Organic_Shop_Logo-removebg-preview-e1718881254890-32x32.png Fitness and Exercise – Wellnesshealthorganic.com https://wellnesshealthorganic.com 32 32 Winter Heart Care Tips: सर्दियों में दिल का रखें खास ख्याल, ये टिप्स अपनाकर आज ही करे रूटीन में बदलाव https://wellnesshealthorganic.com/winter-heart-care-tips/ https://wellnesshealthorganic.com/winter-heart-care-tips/#respond Fri, 20 Dec 2024 10:18:33 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5777

Winter Heart Care Tips: कहते हैं कि दिल(Heart) स्वस्थ हो तो जिंदगी खुशहाल रहती है. लेकिन ठंड का मौसम आते ही दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती हैं. Heart Health को बनाए रखने के लिए सर्दियों में कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने दिल को जवां और स्वस्थ रख सकते हैं.

ठंड से बचाव सबसे जरूरी(Winter Heart Care Tips)

सर्दियों में दिल को हेल्दी रखने के लिए सबसे पहला कदम है ठंड से बचाव. ठंड का सीधा असर दिल पर पड़ता है और अत्यधिक ठंड लगने से दिल की धड़कनें बंद होने तक की नौबत आ सकती है. ठंड के मौसम में Body Temperature बनाए रखने के लिए गर्म कपड़े पहनें और खुद को ठंड से बचाएं. डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि ठंड में बाहर निकलते समय सिर, कान और पैर अच्छी तरह ढके रहें. साथ ही, कोशिश करें कि ठंड में सुबह जल्दी उठने से बचें.

गुनगुना पानी पिएं (Warm Water)

सर्दियों में ठंडा पानी पीने से बचें, क्योंकि यह हार्ट के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसके बजाय, गुनगुना पानी पिएं. Warm Water पीने से न केवल दिल स्वस्थ रहता है, बल्कि यह पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है. आप चाहें तो गुनगुने पानी को थर्मस में रखकर दिनभर इस्तेमाल कर सकते हैं. गुनगुने पानी का सेवन ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है और हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है.

एक्सरसाइज और योग का महत्व

सर्दियों में दिल को मजबूत रखने के लिए हल्की-फुल्की एक्सरसाइज और योग करें. हालांकि, ध्यान रखें कि सुबह उठते ही ज्यादा स्ट्रेस वाली एक्सरसाइज से बचें. पहले शरीर का तापमान सामान्य करें और फिर धीरे-धीरे वॉक करें या घर पर ही Yoga for Heart करें. यह न केवल दिल को फिट रखता है, बल्कि पूरे शरीर को एक्टिव बनाता है.

नशे से दूरी बनाए रखें

सिगरेट, शराब और तंबाकू जैसी चीज़ें दिल के लिए बेहद खतरनाक हैं। सर्दियों में इनके सेवन से हार्ट से जुड़ी समस्याओं का खतरा और बढ़ जाता है. Healthy Lifestyle अपनाएं और इन बुरी आदतों से दूरी बनाएं। इनसे बचकर आप अपने दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं.

सर्दियों में इन आसान टिप्स को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और दिल को हेल्दी रखें. याद रखें, दिल स्वस्थ रहेगा तो आप भी खुश और सेहतमंद रहेंगे.

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Vegetarian diet obesity diabetes causes: डाइट के बावजूद क्यों बढ़ रहे मोटापे और डायबिटीज़ के मामले? पढ़े चौंकाने वाले खुलासे https://wellnesshealthorganic.com/vegetarian-diet-obesity-diabetes-causes/ https://wellnesshealthorganic.com/vegetarian-diet-obesity-diabetes-causes/#respond Fri, 13 Dec 2024 12:20:15 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5686

Vegetarian diet obesity diabetes causes: आज कई समय में प्लांट-बेस्ड डाइट का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है, खासकर सेलेब्रिटीज के बीच. कई लोग स्वास्थ्य और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मांसाहार छोड़कर शाकाहारी आहार अपना रहे हैं. हालांकि, एक शोध में पता चला है कि शाकाहारी लोग नॉनवेज खाने वालों की तुलना में ज्यादा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाते हैं.

यह प्रोसेस्ड फूड स्वाद और सुविधा के लिए पसंद किए जाते हैं, लेकिन इनमें कैलोरी, चीनी और अनहेल्दी फैट की मात्रा अधिक होती है. ऐसे फूड्स के अधिक सेवन से मोटापा, डायबिटीज़ और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। इस पर ध्यान देना जरूरी है.

क्या कहती है रिसर्च

यह अध्ययन प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित हुआ है, जिसमें यूके बायोबैंक प्रोजेक्ट के तहत 2 लाख से अधिक लोगों पर शोध किया गया. इस शोध में यह पाया गया कि शाकाहारी(Vegetarian) और वीगन लोग रेड मीट खाने वालों की तुलना में अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन कर रहे हैं.

आंकड़ों के अनुसार, वेजिटेरियन ने रेड मीट खाने वालों की तुलना में 1.3% अधिक और वीगन ने 1.2% अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाया. यह तथ्य यह दर्शाता है कि शाकाहारी और वीगन आहार अपनाने वाले भी अनजाने में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक फूड्स का सेवन कर सकते हैं.

मोटापा और डायबिटीज़ के खतरे (Vegetarian diet obesity diabetes causes)

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में उच्च मात्रा में सोडियम, शर्करा और अनहेल्दी फैट होते हैं, जो मोटापा, डायबिटीज़ और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं. इन खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स उच्च होने के कारण ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है, जिससे डायबिटीज़ का जोखिम बढ़ जाता है. साथ ही, इनमें फाइबर की कमी पाचन समस्याओं जैसे कब्ज का कारण बन सकती है.

दिल की बीमारियों का होता हे खतरा

प्लांट-बेस्ड फूड को अक्सर दाल, चावल, फल, और सब्जियों के विकल्प के रूप में देखा जाता है, लेकिन ये समान रूप से पौष्टिक नहीं होते। रेडी-टू-ईट मील और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में कैलोरी, अनहेल्दी फैट, और चीनी की अधिकता होती है, जिससे हार्ट संबंधी बीमारियां, कैंसर और कार्डियोमेटाबोलिक मल्टीमॉर्बिडिटी का खतरा बढ़ सकता है.

हालांकि प्लांट-बेस्ड डाइट स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है. पोषण विशेषज्ञों का सुझाव है कि शाकाहारी डाइट में ताजे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल किए जाएं और प्रोसेस्ड फूड से बचा जाए. सही संतुलन के साथ शाकाहारी आहार स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है.

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Breakfast Dinner Tips: ब्रेकफास्ट और डिनर को स्कीप करना हो सकता है खतरनाक, अपनी हेल्थ से ना करें कंप्रोमाइज https://wellnesshealthorganic.com/breakfast-dinner-tips-do-not-compromise/ https://wellnesshealthorganic.com/breakfast-dinner-tips-do-not-compromise/#respond Wed, 11 Dec 2024 12:29:09 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5667
Breakfast Dinner Tips: जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं वह अक्सर ही ब्रेकफास्ट(Breakfast) या डिनर को स्कीप कर देते हैं, लेकिन वह यह नहीं समझते हैं कि इससे उनकी हेल्थ पर बात आ सकती है. अगर आपको वजन कंट्रोल करना है तो इसके और भी कई बेहतर तरीके हैं इसके लिए आपको नाश्ता या फिर रात का खाना छोड़ने की (Breakfast Dinner Tips) कोई जरूरत नहीं होती है. ऐसा करने से आपकी सेहत खराब हो सकती है आपको जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलेंगे तो हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

बहुत जरूरी है नाश्ता और रात का खाना(Breakfast Dinner Tips)

जब आप अपनी डाइट रूटिंग से ब्रेकफास्ट या फिर डिनर को गायब कर देते हैं तो यह आपको कई तरह से इफेक्ट करता है. नाश्ता करने से आप पूरे दिन की शुरुआत अच्छे तरीके से कर सकते हैं. नाश्ता करने से दिनभर आप एनर्जेटिक रहते हैं और वही डिनर करने से आपको एक अच्छी नींद आती है और आप सुबह फ्रेश उठाते हैं.

खाने को ना करें स्किप

नाश्ता और रात का खाना छोड़ने की वजह से आपका शरीर बीमार पड़ सकता है। पाचन तंत्र की क्रिया खराब हो सकती है खाना ना खाने की वजह से एनर्जी भी शरीर से खत्म हो सकती है. इस तरह से आपके शरीर को ट्रिगर होना पड़ेगा और आप किसी भी काम को सही तरीके से नहीं कर पाएंगे। रात का खाना छोड़ने से शरीर में थकावट और नींद में कमी आने लगती है. नाश्ता छोड़ने की वजह से शरीर पर कई नेगेटिव इफेक्ट पड़ते हैं जो आपका दिन भर के कार्य को प्रभावित करते हैं. हमारे शरीर से जरूरी पोषक तत्व पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं. ब्रेकफास्ट योर डिनर को स्कीप करने से कॉर्टिसोल हारमोंस रिलीज होते हैं जिससे तनाव बढ़ जाता है. अपने काम में ऊर्जा लगाने के लिए जरूरी है कि आपको सुबह का नाश्ता और रात का डिनर जरूर करना चाहिए.
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4 Tips for Effective Weight Loss: मॉर्निंग वॉक का पूरा फायदा चाहते हैं तो इन कुछ टिप्स से तेजी से घटाएं चर्बी https://wellnesshealthorganic.com/4-tips-for-effective-weight-loss-reduce-fat-fast-with-these-few-tips/ https://wellnesshealthorganic.com/4-tips-for-effective-weight-loss-reduce-fat-fast-with-these-few-tips/#respond Mon, 09 Dec 2024 09:23:35 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5619

4 Tips for Effective Weight Loss: सुबह की सैर सेहत के लिए बेहद फायदेमंद आदत है, जो हर उम्र के लोगों के लिए लाभकारी है. मॉर्निंग वॉक न केवल शारीरिक बीमारियों से बचाव करती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूत बनाती है. तेज रफ्तार में वॉकिंग करना एक बेहतरीन कार्डियो एक्सरसाइज है, जिससे शरीर टोन्ड रहता है और आप दिनभर ऊर्जावान महसूस करते हैं. यह न केवल वजन घटाने में मदद करती है, बल्कि हृदय स्वास्थ्य और रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक है.

हालांकि, सुबह की वॉक का अधिकतम लाभ उठाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. वॉक के दौरान सही जूतों का चयन, शरीर का सही पोश्चर और हाइड्रेशन पर ध्यान दें. वॉक से पहले हल्की स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और चोट लगने की संभावना कम हो जाती है. इन बातों को ध्यान में रखकर आप अपनी मॉर्निंग वॉक को और भी प्रभावी बना सकते हैं.

मॉर्निंग वॉक के लिए जरूरी टिप्स(4 Tips for Effective Weight Loss)

स्पीड को बदलते रहें

मॉर्निंग वॉक के दौरान अपनी स्पीड बदलना फायदेमंद है. तेज चलने के बाद धीमी गति अपनाएं और फिर से स्पीड बढ़ाएं. इससे कैलोरी बर्न ज्यादा होती है और ऊर्जा संतुलित रहती है. यह तरीका थकान कम करता है, जिससे आप वॉक को लंबे समय तक जारी रख सकते हैं.

चढ़ाई और ढलान वाले रास्ते चुनें

नियमित वॉक के साथ चढ़ाई और ढलान वाले रास्तों पर चलना बेहद फायदेमंद है. इससे शरीर की मांसपेशियां अधिक सक्रिय होती हैं और कैलोरी बर्निंग प्रक्रिया तेज हो जाती है. पहाड़ी या ढलान वाले रास्तों पर चलने से आपकी फिटनेस और स्टेमिना दोनों में सुधार होता है.

हरी घास पर नंगे पांव टहलें

नंगे पांव चलने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. यह प्राकृतिक तरीके से शरीर को आराम देता है और तनाव कम करता है. घास या मिट्टी पर चलने से रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे शारीरिक ताजगी और मानसिक शांति मिलती है.

सही पॉश्चर बनाए रखें

वॉक करते समय सही पॉश्चर बनाए रखना बहुत जरूरी है. आगे की ओर झुकने से मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द हो सकता है. कंधों को आराम देते हुए सीधे खड़े होकर सामने देखें. यह आपके शरीर को सही तरीके से काम करने में मदद करता है और दर्द से बचाता है.

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Weight Loss Tips: प्रोटीन से घटाएं अब अपना वजन, जानें सही मात्रा और फायदे https://wellnesshealthorganic.com/now-lose-your-weight-with-protein/ https://wellnesshealthorganic.com/now-lose-your-weight-with-protein/#respond Thu, 28 Nov 2024 12:11:27 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5525

Weight Loss Tips : आज के समय में बढ़ा हुआ वजन एक बड़ी समस्या बन गई है, जिससे न केवल व्यक्ति की शारीरिक सुंदरता प्रभावित होती है बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है. दुनियाभर में लाखों लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं और वजन घटाने के लिए तरह-तरह के उपाय आज़माते हैं. कुछ लोग जिम का सहारा लेते हैं, तो कुछ अपनी पूरी डायट बदलने का प्रयास करते हैं. हालांकि, कई बार यह प्रयास सफल नहीं हो पाते और लोग निराश हो जाते हैं.

यदि आप भी बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार हो सकता है. वजन कम करने में प्रोटीन से भरपूर फूड्स को डायट में शामिल करना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. Protein न केवल वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है. आइए जानते हैं ऐसे प्रोटीन रिच फूड्स, जो आपकी फिटनेस यात्रा को आसान बना सकते हैं.

वजन घटाने के Protein में प्रोटीन का सही मात्रा में सेवन करना बेहद फायदेमंद हो सकता है. जॉर्जिया के एमोरी यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में रजिस्टर्ड डाइट एक्सपर्ट और एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स की स्पोकपर्सन मेलिसा मजूमदार के अनुसार, प्रोटीन वजन कम करने में मदद करता है क्योंकि यह भूख को नियंत्रित करता है और पेट भरे होने का एहसास कराता है. आमतौर पर वजन घटाने के लिए कैलोरी डेफिसिट में रखा जाता है, लेकिन प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से भूख कम लगती है, जिससे ओवरईटिंग से बचा जा सकता है. प्रोटीन आंतों में जाकर ऐसे हार्मोन रिलीज करता है, जो खाने की इच्छा को कम कर देता है. इसके अलावा, वजन घटाने के दौरान मसल्स लॉस होना स्वाभाविक है, लेकिन प्रोटीन मसल्स को बनाए रखने में मदद करता है. इस प्रकार, प्रोटीन न केवल वजन घटाने में कारगर है, बल्कि यह शारीरिक मजबूती को भी बनाए रखता है.

प्रोटीन खाने के फायदे:

एपेटाइट कम होती है: प्रोटीन भूख को नियंत्रित करता है, जिससे शरीर में भूख को बढ़ाने वाले हार्मोन (Ghrelin) कम होते हैं और भूख घटाने वाले हार्मोन (Peptide YY) बढ़ते हैं. इससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे ओवरईटिंग से बचा जा सकता है.

मेटाबोलिज़्म बढ़ता है: प्रोटीन को पचाने के लिए शरीर अधिक कैलोरी खर्च करता है, जिसे डायट्री इंड्यूस्ड थर्मोजेनेसिस (DIT) कहते हैं. इससे मेटाबोलिज़्म में सुधार हो सकता है, और अधिक कैलोरी बर्न होती है.

मसल्स मेंटेन रहते हैं: वजन घटाने के दौरान प्रोटीन मसल्स लॉस को रोकता है, जिससे शरीर की कैलोरी बर्न करने की क्षमता बनी रहती है. कैलोरी इंटेक कम होता है: प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और फैट के मुकाबले पेट को अधिक संतुष्टि प्रदान करता है, जिससे आप कम कैलोरी में भी भूख को संतुष्ट कर सकते हैं. फैट लॉस में मदद: रिसर्च से पता चलता है कि प्रोटीन का अधिक सेवन शरीर के फैट को जलाने में मदद कर सकता है, खासकर जब इसे कम कार्बोहाइड्रेट्स वाली डाइट के साथ लिया जाए.

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Male Infertility : पिता बनने का सपना तोड़ सकती हैं ये 5 कमियां, कहीं आप भी तो नहीं झेल रहे मेल इनफर्टिलिटी की समस्या? https://wellnesshealthorganic.com/male-infertility-5-reason-you-should-know/ https://wellnesshealthorganic.com/male-infertility-5-reason-you-should-know/#respond Mon, 12 Aug 2024 07:30:42 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5369 Male Infertility : आज के समय में, पुरुष और महिलाएं दोनों ही अपनी प्राइवेट समस्याओं के बारे में खुलकर बात करने में संकोच करते हैं। खासकर पुरुष इनफर्टिलिटी, यानी पुरुष नपुंसकता के बारे में, चर्चा करने से कतराते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि वे अपनी समस्याओं को लेकर अकेले जूझते रहते हैं, जबकि समय रहते इनका समाधान ढूंढा जा सकता है। अगर आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं, तो खुलकर बात करना और सही जानकारी हासिल करना बेहद जरूरी है।

भारत में बढ़ती मेल इनफर्टिलिटी

भारत में मेल इनफर्टिलिटी के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, हर छह में से एक कपल इस समस्या से जूझ रहा है, और इनमें से अधिकतर मामलों में पुरुषों में इनफर्टिलिटी पाई जा रही है। इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग इसके बारे में खुलकर बात नहीं करते, जिससे समय रहते इसका इलाज नहीं हो पाता।

मेल इनफर्टिलिटी के प्रमुख कारण

मेल इनफर्टिलिटी के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारणों के बारे में जानना और उन्हें समझना महत्वपूर्ण है ताकि आप समय रहते अपनी सेहत का ध्यान रख सकें।

1. स्पर्म काउंट की कमी

स्पर्म काउंट की कमी मेल इनफर्टिलिटी का एक प्रमुख कारण है। एक स्वस्थ पुरुष के स्पर्म सैंपल में मिलियन स्पर्म होते हैं, लेकिन अगर इनकी संख्या कम हो जाती है, तो यह समस्या का कारण बन सकता है। इसके अलावा, स्पर्म की क्वालिटी भी कंसीव करने में अहम भूमिका निभाती है। अगर स्पर्म की क्वालिटी कमजोर होती है, तो इसका असर प्रेग्नेंसी पर पड़ता है।

2. रिप्रोडक्टिव सिस्टम में समस्या

मेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम में समस्या, जैसे वेरिकोसील (स्क्रोटम में बढ़ी हुई नसें) भी मेल इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है। यह स्थिति स्पर्म की क्वालिटी और काउंट को प्रभावित करती है, जिससे प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है।

3. इन्फेक्शन

वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी स्पर्म की क्वालिटी में गिरावट का कारण बन सकते हैं। इनमें एपिडिडाइमिस का संक्रमण, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज जैसे गोनोरिया और एचआईवी शामिल हैं। इन इन्फेक्शन्स के कारण स्पर्म की संख्या और क्वालिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ जाती है।

4. पर्यावरणीय कारण

पर्यावरण में मौजूद कुछ फैक्टर भी स्पर्म के उत्पादन और उसकी क्वालिटी को कम कर सकते हैं। अत्यधिक हीट, इंडस्ट्रियल टॉक्सिन, केमिकल्स, लीड जैसे हैवी मेटल एक्सपोजर, एक्स-रे या रेडिएशन, और सौना या हॉट टब का लगातार इस्तेमाल, ये सभी फैक्टर स्पर्म काउंट और क्वालिटी को प्रभावित कर सकते हैं।

5. इजेकुलेशन डिसऑर्डर

रिट्रोग्रेड इजेकुलेशन जैसी स्थिति, जिसमें सीमेन पीनिस से बाहर निकलने की जगह ब्लैडर में चला जाता है, या समय से पहले इजेकुलेशन (प्रीमैच्योर इजेकुलेशन), ये समस्याएं भी मेल इनफर्टिलिटी को बढ़ा सकती हैं। इन समस्याओं के कारण स्पर्म एग तक पहुंचने में असमर्थ हो जाता है, जिससे प्रेग्नेंसी की संभावना कम हो जाती है।

क्या करें?

अगर आपको लगता है कि आप मेल इनफर्टिलिटी से जूझ रहे हैं, तो सबसे पहले आपको इसके बारे में खुलकर बात करनी चाहिए। किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना और सही निदान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। शुरुआती चरण में इसका इलाज संभव है, और समय पर कदम उठाने से आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

मेल इनफर्टिलिटी एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसे सही समय पर पहचाना और इलाज किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप इसके लक्षणों को समझें और समय रहते डॉक्टर से परामर्श लें। स्वस्थ जीवनशैली, सही खान-पान, और नियमित जांच से आप इस समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं और पिता बनने का सपना पूरा कर सकते हैं।

 

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How to Stop a Heart Attack : कब दिखते हैं हार्ट अटैक के लक्षण, जानिए क्या है संकेत https://wellnesshealthorganic.com/how-to-stop-a-heart-attack-in-30-seconds/ https://wellnesshealthorganic.com/how-to-stop-a-heart-attack-in-30-seconds/#respond Sat, 10 Aug 2024 15:52:25 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5365 How to Stop a Heart Attack : हार्ट अटैक के लक्षण कुछ महीने के अंदर ही शरीर में दिखाई देने लग जाते हैं। शरीर में होने वाली छोटी-मोटी दिक्कतों पर भी ध्यान देना जरूरी होता है। इस तरह की समस्या बड़ी बन जाती है और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। आजकल बहुत कम उम्र के लोगों को भी हार्ड का खतरा रहता है। हार्ट अटैक की बीमारी इतनी खतरनाक है कि अस्पताल पहुंचने तक का समय भी नहीं देती है यह बीमारी अचानक से आती है और जान ले लेती है। अगर आपको भी हाथ से जुड़ी बीमारी का खतरा हो रहा है तो इसके कुछ संकेत के बारे में जान लीजिए। बहुत लोग ऐसे होते हैं जो संकेत को इग्नोर कर देते हैं। ऐसे में आपको उनके बारे में जानकर सावधान रहना चाहिए। हार्ट अटैक को लेकर कहीं ऐसी बातें हैं जो हार्ट के पेशेंट को पता होना चाहिए।

भूख ना लगना

हार्ट अटैक के कई संकेत होते हैं इसके बारे में आपको पता होना चाहिए। सबसे पहला लक्षण यह होता है कि आपको तीन से चार महीने पहले ही हिंट मिल जाता है। ऐसे में भूख लगा कम हो जाता है। हार्ट अटैक के लक्षण का यह संकेत है कि खाना खाने का मन नहीं करता स्वादिष्ट खाना देखकर भी मुंह में पानी नहीं आता है।

खाना न पचना

अगर हार्ट में किसी तरह की प्रॉब्लम होती है तो लीवर को खाना पचाने में परेशानी आती है। इसके अलावा पेट में गैस जैसी समस्या बन जाती है हाथ से जुड़ी समस्या की वजह से पेट भरा भरा और फुला हुआ महसूस होता है। अगर आपको भी यह संकेत महसूस हो रहे हैं तो समझ लीजिए की हार्ट अटैक का खतरा बना हुआ है। यह एक बहुत बड़ा संकेत है जिससे आप हार्ट अटैक का पता लगा सकते हैं।

सांस फूलना

अक्सर ऐसा होता है कि कुछ लोगों को 500 मीटर चलने में भी सांस फूलने लग जाती है। इसके अलावा दो से तीन सीढियां चढ़ना भी मुश्किल हो जाता है। अगर आपको भी ज्यादा से ज्यादा पसीना आता है तो यह आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। यह सभी संकेत हार्ट अटैक के लक्षण होते हैं। हार्ड का खतरा होने से पहले जबड़े में दर्द शुरू हो जाता है।

कैसे बचें

आपको हार्ट अटैक का कोई भी लक्षण नजर आता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर आप समय से पहले जागरूक हो जाते हैं तो हार्ट अटैक के खतरे को रोका जा सकता है। आपको दिन में रोजाना कम से कम 45 मिनट तक वक्त एक्सरसाइज करना है। इसके अलावा हेल्दी डाइट लेना चाहिए। हार्ड पेशेंट को ज्यादा से ज्यादा मसाला खाने से बचना चाहिए।

 

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Juice For Brain Health : आपके दिमाग को एक्टिव रखेंगे ये हेल्दी जूस, डाइट में कर लीजिए शामिल https://wellnesshealthorganic.com/juice-for-brain-health-diet-chart/ https://wellnesshealthorganic.com/juice-for-brain-health-diet-chart/#respond Sat, 10 Aug 2024 14:28:46 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5362 Juice For Brain Health : आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में इंसान इतना परेशान हो गया है की खाने पीने की सुध नहीं रहती है। आज हम आपको आपकी डाइट में कुछ जूस को शामिल करने के बारे में बताएंगे जो आपको दिन भर एनर्जेटिक रखता है। अपनी हेल्दी लाइफ के लिए आपको यह जरूर पीना चाहिए। अपनी जिंदगी में ब्रायन को हेल्दी बनाने के लिए आप यह रिफ्रेशिंग ड्रिंक पी सकते हैं। अगर आप अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं और अपने कामकाज को करने के लिए एनर्जेटिक रहना चाहते हैं तो यह जूस आपको अपनी डाइट में शामिल करना है। यह आपको सोचने समझने की क्षमता देता है। इसका में काम होता है कि यह आपकी फॉक्स मेमोरी और प्रोडक्टिविटी के फंक्शंस को एक्टिव रखता है।

ये जूस डाइट में करें शामिल

खाने-पीने के साथ हेल्दी चीजों का सेवन भी बहुत जरूरी होता है आप अपने ब्रेन हेल्थ को मजबूत बनाने के लिए कुछ हेल्थी ड्रिंक पी सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए इस तरह के जूस उनके डाइट में शामिल होना फायदा पहुंचता है। अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको रोजाना अपनी डाइट में इस जूस को पीना चाहिए यह आपके ब्रेन हेल्थ को मजबूत रखते हैं।

ग्रीन जूस

सेहत के लिए ग्रीन और पत्तेदार सब्जियों वाला जूस बहुत फायदेमंद होता है। इसमें आपको पलक केला खीरा एप्पल या लेमन का जूस शामिल कर लेना चाहिए। यह फ्रेश और ग्रीन जूस होता है जो आपके दिमाग को एक्टिव रखता है। इस जूस में विटामिन सी, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर होती है।

अनार का जूस

अनार का जूस आपको रोजाना अपनी डाइट में शामिल कर लेना चाहिए। खाना खाने के बाद एक गिलास अनार का जूस सेहत को बहुत फायदा पहुंचता है। अनार का जूस ब्रेन हेल्थ को बढ़ावा देता है जिससे याददाश्त की समस्या नहीं होती है। अनार का जूस आपको हेल्दी रखता है और आपके ब्रेन हेल्थ को भी स्वस्थ रखता है।

चुकंदर और गाजर का जूस

चुकंदर और गाजर का जूस भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। चुकंदर में कई सारे न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो आपके ब्रेन हेल्थ को स्वस्थ रखते हैं इसके साथ ही ब्लड फ्लो भी बेहतर बना रहता है। गाजर का जूस भी आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है इसमें कई सारे कंपाउंड्स होते हैं जो सेहत को फिट रखने का काम करते हैं।

 

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Hypertension Symptoms : हाइपरटेंशन की वजह से होती है यह बीमारियां, लाइफस्टाइल में करें बदलाव https://wellnesshealthorganic.com/hypertension-symptoms-ke-karan-hoti-hai-bimari/ https://wellnesshealthorganic.com/hypertension-symptoms-ke-karan-hoti-hai-bimari/#respond Fri, 09 Aug 2024 09:54:57 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5343 Hypertension Symptoms : हाइपरटेंशन आज के समय में एक बहुत बड़ी चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि इसकी वजह से कई तरह की बीमारियां और लग जाती हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो हमारे आसपास मौजूद हर दूसरा व्यक्ति इससे पीड़ित रहता है। इस बीमारी को ज्यादातर ब्लड प्रेशर के नाम से जाना जाता है। हाइपरटेंशन की वजह से स्ट्रोक किडनी डैमेज कमजोर विजन जैसी बीमारियां होने लग जाती हैं। अगर आप भी इस बीमारी से पीड़ित है तो आपको अपनी लाइफ स्टाइल में कुछ खास बदलाव करने होंगे।

हाइपरटेंशन को ना करें इग्नोर

आज के समय में हाई बीपी की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है हर कोई इस समस्या से परेशान रहता है। आपको इस बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हाइपरटेंशन की वजह से छोटी-मोटी बीमारियां भी गंभीर रूप ले लेती है। स्ट्रोक, किडनी डैमेज, कमजोर विजन, जैसी चीज आपको बीमार बना सकती है। आपको इस तरह की छोटी-मोटी बीमारी को इग्नोर नहीं करना चाहिए इसके लक्षण के बारे में जानकर सही समय पर इलाज लेना चाहिए। नीचे आपको हाइपरटेंशन के सिम्टम्स बताए गए हैं इसके तुरंत बाद आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

हाइपरटेंशन के सिम्टम्स

सर दर्द
सांस फूलना
धुंधलापन
कमजोरी
चक्कर आना
सीने में दर्द
कान में दर्द
हार्टबीट बढ़ जाना
नाक से खून आना

इन तरीकों से कंट्रोल करें हाइपरटेंशन

हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ने पर हाइपरटेंशन का खतरा भी बढ़ जाता है। तनाव पैदा होने की वजह से दिमाग पर लोड बढ़ जाता है जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है। ऐसे में आपको तनाव कम करना चाहिए इसके कई तरीके हैं आपको लोगों से मिलते जुलते रहना चाहिए। उन लोगों के साथ रहे जो हंसी मजाकिया हो इस तरह से आपका माहौल बदलेगा यह आपके दिमाग को शांत करने में काफी मददगार है। इसके अलावा आप चाहे तो डॉक्टर की भी सलाह ले सकते हैं।

आजकल लोग अपना ज्यादातर समय मोबाइल फोन में बिताते हैं रात को देर रात तक जागते हैं। और फोन इस्तेमाल करते हैं नींद का पूरा न होना भी आपके इस बीमारी को बढ़ा सकता है। आपको सुबह उठते ही कॉर्टिसोल लेवल स्ट्रेस हार्मोन ट्रिगर बढ़ जाता है। आपको हाइपरटेंशन से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और नींद पूरा करना चाहिए।

हाइपरटेंशन की बीमारी में व्यक्ति को अपनी शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। ऐसे में जरूरी है कि आप कुछ एक्सरसाइज करें जिसमें साइकलिंग ब्रिस्क वाकिंग जॉगिंग टेनिस जुंबा आदि शामिल होना चाहिए। इस तरह की एक्सरसाइज से हाइपरटेंशन काम हो जाता है। इसके अलावा आप वेट लिफ्टिंग, स्काई डाइविंग, स्कूबा डाइविंग जैसी एक्सरसाइज से आपको बचकर रहना चाहिए।

आपको एक अच्छा डाइट भी फॉलो करना चाहिए जो हाइपरटेंशन की बीमारी को कम कर देता है कंट्रोल करता है। आपको रोजाना अपनी डाइट में फल सब्जियां साबुत अनाज मीत जैसी चीजों को शामिल कर लेना चाहिए। इसके अलावा आपको कुछ चीजों से परहेज भी करना चाहिए जिसमें स्मोक अल्कोहल प्रोसेस्ड फूड जैसी चीज शामिल है।

 

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Understanding the Life Threatening Disease : Its symptoms, causes, and prevention of AIDS https://wellnesshealthorganic.com/symptoms-causes-and-prevention-of-aids/ https://wellnesshealthorganic.com/symptoms-causes-and-prevention-of-aids/#respond Fri, 09 Aug 2024 07:42:59 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5340 Striving for an era in which HIV/AIDS is actually maintained at a manageable state or potentially eradicated requires being alert and active In it.

Deadly AIDS—Its Symptoms, Causes, and Prevention

Acquired Immunodeficiency Syndrome, otherwise known as AIDS, is one of the significant diseases caused by the Human Immunodeficiency Virus (HIV). It attacks the immunological system of the human body, specifically the CD4 cells (T cells), which are responsible for combating different infections. HIV reduces the number of such cells if not treated, after which the body becomes vulnerable to infections and some types of cancers. Understanding AIDS means being aware of its symptoms, causes, and prevention methods.

The need to manage AIDS cannot be overemphasized. AIDS is not just a medical condition; it impacts greatly the social and economic facets of individuals and their respective communities. A stigma that surrounds HIV/AIDS could mean discrimination, thereby further compounding complexities in living for such individuals. Second, it will make a difference if we all educate ourselves and others regarding the causes, symptoms, and prevention of HIV/AIDS, to create a more supportive environment that would encourage testing, treatment, and adoption of preventive measures against this deadly disease. We all need to stay updated and proactive towards this deadly disease for this future with an ‘effectively managed’ and ‘eradicated’ stamp against HIV/AIDS.

Symptoms of AIDS

These symptoms of AIDS are quite varied and can be greatly debilitating because of the reduced immune system. They include:

  • Acute HIV Infection
  • Fever
  • Chills
  • Rash
  • Night sweats
  • Muscle aches
  • Sore throat
  • Fatigue
  • Swollen lymph nodes
  • Mouth ulcers
  • Clinical Latency Stage

This stage may last several years; during this time, the virus continues to be active at very low levels of reproduction. Many people may not show symptoms during this phase.

  1. Progression to AIDS
  2. Rapid weight loss
  3. Recurring fever or profuse night sweats
  4. Extreme and unexplained tiredness
  5. Lymph glands swelling that lasts for a long time
  6. Diarrhea that lasts for more than a week
  7. Sores in the mouth, anus, genitals
  8. Pneumonia
  9. Red, brown, pink or purplish blotches on or under the skin or inside the mouth, nose or eyelids
  10. Loss of memory, depression and other neurologic disorders

Causes of Aids

Aids is caused by Human immunodeficiency virus which is acquired through

Unprotected sexual contact: This is the most common mode of transmission, and it involves vaginal, anal, or oral sex with an infected individual.

Blood transfusions: Infected blood can be passed on through transfusion.

Sharing needles: This occurs among people who inject drugs.

Mother-to-child transmission: During pregnancy, at birth, or when breastfeeding.

Prevention of AIDS

Preventive measures are the key to controlling the spread of HIV. They include. These include consistent and correct use of condoms, limiting the number of sexual partners, and, of course, testing regularly for HIV in you and your sexual partner. Pre-exposure Prophylaxis, or PrEP: A medication for persons at high risk of acquiring HIV to prevent infection. Post-Exposure Prophylaxis: Taking antiretroviral medicines, ART, after possible exposure to HIV to prevent becoming infected.

Regular testing : Early detection through regular testing plays a very important role in managing and preventing the spread of the virus.

Avoid sharing needles : If you do use drugs by injection, always use clean needles. Preventing mother-to-child transmission: If you are HIV positive and a mother, you should adhere to the doctor’s advice regarding measures that will reduce the risk of passing the virus to your baby. AIDS is an acute, life-threatening condition which ensues from the progressive infection of HIV. The symptoms, causes, and methods for preventing this illness are quite important to know in containing the spread of this virus and in maintaining the health status of the infected patient. Safe practice, frequent testing, and proper medical intervention could make a great impact on lessening the devastation caused by this disease.

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