Alternative Medicine – Wellnesshealthorganic.com https://wellnesshealthorganic.com Wellnesshealthorganic Fri, 20 Dec 2024 13:30:34 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://wellnesshealthorganic.com/wp-content/uploads/2024/06/cropped-Green_and_White_Circle_Modern_Organic_Shop_Logo-removebg-preview-e1718881254890-32x32.png Alternative Medicine – Wellnesshealthorganic.com https://wellnesshealthorganic.com 32 32 Vitamin B12 Deficiency Men: पुरुषों में Vitamin-B12 की कमी के कारण और लक्षण: जानें कैसे करें पहचान https://wellnesshealthorganic.com/vitamin-b12-deficiency-men/ https://wellnesshealthorganic.com/vitamin-b12-deficiency-men/#respond Fri, 20 Dec 2024 13:30:34 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5784 Vitamin B12 Deficiency Men: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती जीवनशैली का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है. खासकर पुरुषों में, बदलते खानपान और अस्वास्थ्यकर आदतों के कारण पोषक तत्वों की कमी एक आम समस्या बनती जा रही है. इनमें से एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है Vitamin B12, जो हमारे शरीर के सही कार्यों के लिए बेहद जरूरी है. यह विटामिन न केवल शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है, बल्कि मस्तिष्क और नसों के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है. आइए जानते हैं पुरुषों में Vitamin B12 की कमी (Vitamin B12 Deficiency Men) के मुख्य कारण, इसके लक्षण और इसे दूर करने के उपाय.

विटामिन B12 की कमी के कारण(Vitamin B12 Deficiency Men)

1. शाकाहारी आहार: जो पुरुष केवल शाकाहारी भोजन करते हैं, उनके शरीर में Vitamin B12 की कमी अधिक देखने को मिलती है क्योंकि यह मुख्यतः मांस, अंडे और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है.
2. अब्जॉर्ब करने में समस्या: कई बार शरीर सही तरीके से Vitamin B12 को एब्जॉर्ब नहीं कर पाता है। यह समस्या आमतौर पर Digestive Disorders के कारण हो सकती है.
3. अधिक शराब का सेवन: ज्यादा शराब पीने से शरीर में Vitamin B12 के एब्जॉर्पशन की क्षमता घट जाती है.
4. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर: परनिशियस एनीमिया जैसी बीमारियां छोटी आंत में विटामिन B12 के अवशोषण को रोक सकती हैं.

विटामिन B12 की कमी के लक्षण

1. थकान और कमजोरी: Vitamin B12 की कमी से शरीर में रेड ब्लड सेल की संख्या घट जाती है, जिससे ऑक्सीजन का संचार सही तरीके से नहीं हो पाता और व्यक्ति हमेशा थकान महसूस करता है.
2. एनीमिया: त्वचा का पीला पड़ जाना और सांस लेने में कठिनाई होना Vitamin B12 की कमी के सामान्य संकेत हैं.
3. नसों की समस्या: अक्सर हाथ-पैर सुन्न होना या झुनझुनी महसूस होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं.
4. दिल की धड़कनों का अनियमित होना: Vitamin B12 की कमी से हार्ट रेट अनियमित हो सकता है, जिससे दिल की समस्याएं हो सकती हैं.

विटामिन B12 की कमी दूर करने के उपाय

1. आहार में सुधार: अपने आहार में मांस, चिकन, मछली, अंडे, और डेयरी उत्पाद जैसे दूध और पनीर शामिल करें। ये Vitamin B12 Sources हैं.
2. विटामिन B12 सप्लीमेंट्स: डॉक्टर की सलाह से Vitamin B12 टैबलेट्स या इंजेक्शन लें। यह कमी को तेजी से पूरा करने का प्रभावी तरीका है.
3. हेल्दी लाइफस्टाइल: शराब और जंक फूड से बचें और नियमित रूप से पोषण युक्त भोजन करें.

सही खानपान और जीवनशैली में सुधार करके आप आसानी से Vitamin B12 की कमी को दूर

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Sexual Disease Risk Comparison: सेक्सुअल डिजीज का खतरा महिलाओं से ज्यादा है या पुरुषों से? जानें असली आंकड़े https://wellnesshealthorganic.com/sexual-disease-risk-comparison/ https://wellnesshealthorganic.com/sexual-disease-risk-comparison/#respond Wed, 18 Dec 2024 13:05:06 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5758

Sexual Disease Risk Comparison: यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Diseases – STDs) वे रोग होते हैं जो असुरक्षित यौन संबंधों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं. इन रोगों का कारण बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या फंगस हो सकते हैं. यह रोग विभिन्न शारीरिक संपर्कों के माध्यम से फैलते हैं, जैसे जननांगों, मुंह या गुदा का संपर्क.

यौन संचारित रोगों का खतरा पुरुषों और महिलाओं दोनों में होता है, लेकिन इनमें कुछ कारण ऐसे होते हैं जिनकी वजह से महिलाओं को इन रोगों का खतरा ज्यादा हो सकता है. इस लेख में हम यह जानेंगे कि क्या यौन संचारित रोग का खतरा महिलाओं को अधिक होता है या पुरुषों को, और इन रोगों से बचने के उपाय क्या हैं.

यौन संचारित रोगों के मुख्य कारण

असुरक्षित यौन संबंध (Unprotected Intercourse) यौन संचारित रोगों का प्रमुख कारण है. जब पुरुष और महिला सुरक्षा उपायों जैसे कंडोम का उपयोग नहीं करते, तो वे विभिन्न रोगों से संक्रमित हो सकते हैं. एचआईवी, गोनोरिया, सिफलिस, और अन्य यौन संचारित रोग असुरक्षित यौन संबंधों के माध्यम से फैल सकते हैं.

महिलाओं को इस खतरे का सामना ज्यादा करना पड़ता है, क्योंकि महिला शरीर में संक्रमण फैलने का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है. इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति के एक से अधिक यौन साथी होते हैं, तो वह क्लैमिडिया (Chlamydia) और सिफलिस (Syphilis) जैसे रोगों से अधिक प्रभावित हो सकता है.

महिलाओं में अधिक खतरा क्यों?

महिलाओं में यौन संचारित रोगों का खतरा इसलिए ज्यादा होता है क्योंकि उनकी शरीर संरचना पुरुषों से अलग होती है. महिलाओं के जननांगों की बनावट के कारण इन संक्रमणों को फैलने का ज्यादा मौका मिलता है. इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान यौन संचारित रोग अधिक गंभीर हो सकते हैं, जिससे नवजात शिशु में भी संक्रमण का खतरा हो सकता है. इसके अतिरिक्त, कुछ रोग जैसे एचआईवी और सिफलिस महिलाओं में जल्दी फैल सकते हैं, और उनका इलाज न किया जाए तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

महिलाओं और पुरुषों के लिए बचाव के उपाय(Sexual Disease Risk Comparison)

यौन संचारित रोगों से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका असुरक्षित यौन संबंधों से बचना है. कंडोम का सही तरीके से उपयोग करना और यौन साथी के स्वास्थ्य का सही जानकारी रखना आवश्यक है. यदि किसी को यौन संचारित रोग के लक्षण जैसे जननांगों पर जलन, दाने, या दर्द महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. महिलाओं को नियमित रूप से गाइनोकोलॉजिस्ट से चेकअप कराना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के यौन संचारित रोग का समय पर पता चल सके.

यद्यपि यौन संचारित रोगों का खतरा पुरुषों और महिलाओं दोनों में होता है, लेकिन महिलाओं में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है. इसलिये महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए और यौन संचारित रोगों के बारे में पूरी जानकारी रखनी चाहिए. किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज शुरू करना चाहिए. सही जानकारी और सतर्कता से यौन संचारित रोगों से बचा जा सकता है.

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Cancer Warning Symptoms: बाथरूम में दिखें ये 2 लक्षण? तो तुरंत हो जाये सतर्क, हो सकते हैं कैंसर के यह संकेत https://wellnesshealthorganic.com/cancer-warning-symptoms/ https://wellnesshealthorganic.com/cancer-warning-symptoms/#respond Wed, 18 Dec 2024 11:58:19 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5752
Cancer Warning Symptoms: छोटी आंत का कैंसर (Small Intestine Cancer) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है, जो छोटी आंत की कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होती है. छोटी आंत पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पोषक तत्वों को अवशोषित करने, पाचन में मदद करने वाले हार्मोन का उत्पादन करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायक होती है. छोटी आंत का स्वस्थ रहना शरीर के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि यह बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में भी अहम भूमिका निभाती है. अगर छोटी आंत में कैंसर होता है, तो शरीर में कई बदलाव(Cancer Warning Symptoms) दिखाई दे सकते हैं. इस लेख में हम छोटी आंत के कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे.

छोटी आंत के कैंसर के लक्षण (Symptoms of Small Intestine Cancer)

छोटी आंत में कैंसर होने पर शरीर में कुछ खास लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. सबसे सामान्य लक्षणों में शामिल हैं: 1. मल में खून आना: मल में लाल या काले रंग का खून दिखाई देना छोटी आंत के कैंसर का संकेत हो सकता है. 2. पानी जैसा दस्त: बार-बार पतले दस्त आना भी एक चेतावनी हो सकती है. 3. पेट में दर्द: बिना किसी स्पष्ट कारण के पेट में दर्द होना या लगातार बेचैनी महसूस करना. 4. पीलिया: स्किन और आंखों के सफेद भाग का पीला पड़ना. 5. इसके अलावा, वजन का बिना किसी प्रयास के कम होना, अत्यधिक कमजोरी, मतली, उल्टी और स्किन पर लाल चकत्ते होना भी छोटे आंत के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं.

छोटी आंत के कैंसर के संभावित कारण (Causes of Small Intestine Cancer)

हालांकि छोटी आंत में कैंसर के सटीक कारणों को समझना मुश्किल है, लेकिन कुछ कारक इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं. इनमें अस्वस्थ आहार, मोटापा, धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन शामिल है. इसके अलावा, पेट के लंबे समय तक संक्रमण, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग, और जेनेटिक फैक्टर भी इसकी संभावना बढ़ा सकते हैं. कमजोर इम्यून सिस्टम और कुछ विशेष प्रकार के पॉलिप्स (Polyps) का विकास भी छोटे आंत में कैंसर का कारण बन सकता है.

बचाव के उपाय (Prevention of Small Intestine Cancer)

छोटी आंत के कैंसर से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है. ताजे फल, सब्जियां और फाइबर युक्त आहार का सेवन करें. प्रोसेस्ड फूड और अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचें. नियमित रूप से व्यायाम करें और अपने वजन को नियंत्रित रखें. धूम्रपान और शराब का सेवन बंद कर दें। इसके अलावा, किसी भी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या के लक्षणों को अनदेखा न करें और समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप कराएं.

समय पर उपचार है जरूरी (Cancer Warning Symptomsl)

छोटी आंत के कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज शुरू कराना बेहद जरूरी है. अगर बाथरूम में मल के रंग में बदलाव या अन्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. समय पर डायग्नोसिस और सही उपचार से इस बीमारी को प्रभावी तरीके से रोका और ठीक किया जा सकता है. छोटी आंत का कैंसर भले ही गंभीर हो, लेकिन सतर्कता और सही देखभाल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
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Breast Cancer in Women: कम उम्र में बढ़ता ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, जानें एक्सपर्ट्स के सुझाव और बचाव के तरीके https://wellnesshealthorganic.com/breast-cancer-in-women-experts-suggestions-and-methods-of-prevention/ https://wellnesshealthorganic.com/breast-cancer-in-women-experts-suggestions-and-methods-of-prevention/#respond Tue, 10 Dec 2024 10:20:31 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5640

Breast Cancer in Women: भागदौड़ भरी जिंदगी और बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण युवाओं में स्तन कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामले अब कम उम्र की महिलाओं में भी देखने को मिल रहे हैं. 25 से 30 साल की आयु की महिलाएं भी इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ रही हैं. खानपान की गलत आदतें, अस्वस्थ जीवनशैली और बढ़ता मोटापा इस समस्या के मुख्य कारण हैं.

आपको बता दे कि कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी (Breast Cancer in Women) का पैटर्न बदल रहा है, और यह केवल बड़ी उम्र की महिलाओं तक सीमित नहीं है. कई मामलों में 20-25 वर्ष की महिलाएं भी कैंसर का इलाज करवाती नजर आ रही हैं. हालांकि, सही समय पर लक्षण पहचानकर और सतर्कता अपनाकर इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, नियमित सेल्फ एग्जामिनेशन और जागरूकता इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है.

खराब लाइफस्टाइल से होता है (Breast Cancer in Women) का खतरा

एक्सपर्ट्स के अनुसार, खराब लाइफस्टाइल और शराब का बढ़ता सेवन महिलाओं में स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा रहा है. समय से पहले पीरियड्स शुरू होना, मोटापा, शारीरिक गतिविधियों की कमी, धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन इस बीमारी के प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं.

खासकर बीते वर्षों में युवा लड़कियों में शराब का चलन बढ़ा है, जो स्तन कैंसर का एक बड़ा जोखिम फैक्टर है. 20 से 25 साल की उम्र में ब्रेस्ट कैंसर के जो मामले सामने आ रहे हैं, उनमें लाइफस्टाइल के साथ-साथ जेनेटिक कारण भी अहम भूमिका निभा सकते हैं. जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है.

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण (Breast Cancer in Women)

ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों में ब्रेस्ट में असामान्य गांठ का होना शामिल है, जिसे महिलाएं अक्सर महसूस कर सकती हैं. इसके अलावा, निप्पल से किसी प्रकार का डिस्चार्ज होना भी एक महत्वपूर्ण लक्षण है, जो बिना किसी कारण के हो सकता है. ब्रेस्ट के आकार में बदलाव या ब्रेस्ट की त्वचा में गड्ढा या सिकुड़न आना भी इस बीमारी के संकेत हो सकते हैं. यदि इनमें से कोई लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि समय पर पहचान और उपचार से ब्रेस्ट कैंसर पर काबू पाया जा सकता है.

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव (Breast Cancer in Women)

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए सही खानपान, नियमित शारीरिक व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है. संतुलित आहार, जिसमें फल, सब्जियां और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ शामिल हों, शरीर को स्वस्थ रखता है और कैंसर के जोखिम को कम करता है. रोजाना एक्सरसाइज करने से शरीर में सक्रियता बनी रहती है, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर सकती है.

शराब का सेवन भी इस बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकता है, इसलिए इसे सीमित या बंद करना बेहतर होता है. इसके अलावा, 30 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से ब्रेस्ट कैंसर की जांच कराना चाहिए, ताकि किसी भी असामान्य लक्षण का समय पर पता चल सके और उचित इलाज शुरू किया जा सके.

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Vitamin B12 Deficiency: विटामिन b12 की कमी से होती है ये बीमारी, लक्षण को ना करें इग्नोर https://wellnesshealthorganic.com/vitamin-b12-deficiency-this-disease-is-caused-by-deficiency-of-vitamin-b12/ https://wellnesshealthorganic.com/vitamin-b12-deficiency-this-disease-is-caused-by-deficiency-of-vitamin-b12/#respond Sat, 07 Dec 2024 09:29:50 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5604

Vitamin B12 Deficiency: विटामिन की कमी की वजह से शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. पोषक तत्वों की कमी की वजह से शरीर में थकान और एनर्जी की कमी महसूस होती है. विटामिन या फिर मिनरल की कमी हमारी सेहत को बुरी तरह से प्रभावित (Vitamin B12 Deficiency) करता है. शरीर में विटामिन बी12 की कमी की वजह से कई लक्षण नजर आते हैं. अगर आपको भी इस विटामिन की कमी से कुछ लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

थकान और कमजोरी

अगर आपको अपने शरीर में थकान और कमजोरी महसूस हो रही है तो समझ लीजिए कि यह Vitamin B12 की कमी है. इस विटामिन की कमी की वजह से हमारा एनर्जी लेवल प्रभावित होता है. इस वजह से थकान और कमजोरी महसूस होने लग जाती है ऐसे में आपको सावधान रहना चाहिए. अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो आपको विटामिन बी12 की कमी है. ऐसे में आपको डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना चाहिए.

पीलापन

अगर आपकी त्वचा का रंग पीला पड़ रहा है तो समझ लीजिए कि, आपको विटामिन बी12 की कमी हो गई है. एनीमिया के वजह से भी शरीर पीला पड़ने लग जाता है इस तरह से हमारी त्वचा का रंग बदल जाता है. अगर आपकी त्वचा का कलर बदल रहा है तो यह विटामिन की कमी का संकेत है.

ना करे लापरवाही

अगर आपको सर में दर्द हो रहा है भूख कम लग रही है तो यह भी Vitamin B12 की कमी की तरफ इशारा करता है. समय रहते आपको विटामिन की कमी के बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. कई बार ऐसा भी होता है कि सर में दर्द होने की वजह से विजन ब्लर आने लगता है. इस तरह के लक्षण नजर आने पर आपको बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए सेहत को नुकसान हो सकता है.

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Plastic Bottle Side Effects: प्लास्टिक की बोतल का पानी कहीं बना ना दे आपको कैंसर का मरीज, जानें इसके खतरनाक प्रभाव https://wellnesshealthorganic.com/plastic-bottle-side-effects-cancer-risk-alert/ https://wellnesshealthorganic.com/plastic-bottle-side-effects-cancer-risk-alert/#respond Fri, 06 Dec 2024 05:26:57 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5570

Plastic Bottle Side Effects: प्लास्टिक आजकल हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। यह हर जगह दिखाई देता है, चाहे वह किचन के डिब्बे हों, बाजार में बिकने वाली पानी की बोतल, या फिर खाने-पीने की पैकिंग। कप, प्लेट, स्ट्रॉ, हर चीज़ में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है. यहां तक कि समुद्र में मिलने वाले कचरे में भी सबसे ज्यादा प्लास्टिक पाया जाता है.

भारत सरकार प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन भी लगा चुकी है. इसके बावजूद, लोग अभी भी प्लास्टिक से पूरी तरह बचने में असफल हैं और आज भी पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक (Plastic Bottle Side Effects) हो सकता है? हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से आपकी सेहत पर क्या बुरा असर पड़ सकता है.

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 1 लीटर पानी वाली प्लास्टिक बोतल में एक लाख से अधिक नैनो प्लास्टिक अणु पाए गए हैं. यह अणु हमारे ब्लड फ्लो, कोशिकाओं और मस्तिष्क में प्रवेश कर सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टिक बोतल में पानी में बिस्फेनॉल-ए (BPA) और फेथलेट्स जैसे रसायन होते हैं.

आपको बता दे की जब यह बोतल गर्मी या धूप के संपर्क में आती है, तो यह रसायन पानी में घुलकर हमारे शरीर में पहुंचते हैं. इससे शरीर को कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि प्लास्टिक में कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और क्लोराइड जैसे तत्व होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं. इस वजह से प्लास्टिक बोतल से पानी पीने पर सावधानी बरतनी चाहिए.

प्लास्टिक की बोतल सेहत को कैसे करती है नुकसान(Plastic Bottle Side Effects)

दिल और डायबिटीज के खतरे: हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिसर्च के अनुसार, प्लास्टिक की बोतलें दिल के रोग और डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकती हैं, क्योंकि इनमें बिस्फेनॉल-ए (BPA) जैसे केमिकल्स होते हैं.

प्रजनन क्षमता पर असर: एक्सपर्ट्स के अनुसार, नियमित रूप से प्लास्टिक बोतल से पानी पीने से प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और यह हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है.

सूजन में वृद्धि: प्लास्टिक बोतल में मौजूद माइक्रो प्लास्टिक कोशिकाओं में सूजन को बढ़ा सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.

कैंसर का खतरा: जब प्लास्टिक की बोतल गर्मी या धूप के संपर्क में आती है, तो इसमें हानिकारक रसायन घुल जाते हैं, जिनका सेवन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.

सावधानी: इन नुकसानों को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक बोतल से पानी पीने में सतर्कता बरतें.

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Bleeding Eye Virus: तेजी से बढ़ रहा है ब्लीडिंग आई वायरस, जानें लक्षण हो जाए सतर्क और ऐसे करें बचाव https://wellnesshealthorganic.com/bleeding-eye-virus-bleeding-eye-virus-is-increasing-rapidly/ https://wellnesshealthorganic.com/bleeding-eye-virus-bleeding-eye-virus-is-increasing-rapidly/#respond Wed, 04 Dec 2024 07:28:40 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5540 Bleeding Eye Virus: ब्लीडिंग आई वायरस आजकल बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस वायरस में आंखों से खून आने लगता है या फिर थक्का जम जाता है। आंखों में खून का थक्का जमना यह एक गंभीर बीमारी का संकेत है। यह बीमारी कई देश में तेजी से फैलता जा रहा है। बहुत कम लोगों को पता है कि (Bleeding Eye Virus) ब्लीडिंग आई वायरस क्या है ? कैसे नुकसान पहुंचा सकता है ? इससे बचाव कैसे करना है ? इस गंभीर बीमारी के बारे में पूरी जानकारी ले लीजिए।

क्या है ब्लीडिंग आई वायरस (Bleeding Eye Virus)

ब्लीडिंग आई वायरस के बारे में अगर साइंटिफिकली जाने तो यह हेमोरेजिक कंजेक्टिवाइटिस है। यह एक तरह का वायरस होता है जो आंखों में खून बहाने या फिर थका जैसा जम जाता है। इसके लक्षण को पहचानने के बाद तुरंत इलाज कर लेना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह तेजी से फैलता जाता है।

क्या है लक्षण

ब्लीडिंग आई वायरस के लक्षण के बारे में जाने तो यह आंखों में तेज जलन पैदा करता है, खुजली होती है, आंखों के सफेद हिस्से में रेडनेस हो जाती है और खून का थक्का जम जाता है। अगर इस तरह के लक्षण आपको भी दिख रहे हैं तो आपको तुरंत इसका इलाज करना चाहिए। इसकी वजह से सिर में दर्द, धुंधला दिखाई देना, चक्कर आना और उल्टी बुखार भी महसूस हो सकता है।

क्या है बचाव के तरीके

1. ब्लीडिंग आई वायरस से बचने के लिए साफ सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए।
2. आपको हमेशा हाथों को साबुन से धोते रहना चाहिए ताकि किसी तरह का संक्रमण न हो।
3. आपको गंदे हाथों से अपनी आंखों को बिल्कुल नहीं छूना चाहिए।
4. चेहरे की सफाई के लिए आपको साफ सुथरा तोलिया इस्तेमाल करना चाहिए।
5. संक्रमित व्यक्ति से आपको दूरी बनाकर रखना होगा।
6. डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही किसी तरह का आई ड्रॉप इस्तेमाल करें।

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5 Foods to Eat on an Empty Stomach to Manage Insulin Resistance https://wellnesshealthorganic.com/5-foods-to-eat-on-an-empty-stomach-to-manage-insulin-resistance/ https://wellnesshealthorganic.com/5-foods-to-eat-on-an-empty-stomach-to-manage-insulin-resistance/#respond Tue, 13 Aug 2024 03:46:59 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5375 Insulin Resistance : Kickstart your day with these expert-approved pantry staples that can help regulate blood sugar levels and combat insulin resistance. The health disease of insulin resistance has slowly evolved to be among the commonest, affecting increasing numbers of people across the world in the last few decades. Basically a lifestyle-induced condition, if not managed correctly, it could lead to much higher serious health issues. The contribution modern diets and sedentary lifestyles did to its rise is too great, and, hence, most people are seeking ways to have control over their blood sugar levels. Of all the approaches, diet is a very vital factor. Kickstarting your day with the right kind of foods can make a big difference in terms of having good sensitivity for insulin and in general being in goo,d health. In this case, if you are insulin resistant, you would want to know how you should start off on your diet. This guide is in given below to give you an overview in regulating your blood sugars by starting with the five kinds of foods added to your mornings, starting off from the very beginning.

What Exactly is Insulin Resistance?

Nutritionist Rupali Datta says, “Insulin resistance takes place when the glucose from our ingested food is not able to enter inside the cells of our muscles, liver, and fat, where it is otherwise converted to energy.” The major symptoms of insulin resistance are increased thirst and hunger, frequent urination, headaches, blurred vision, and skin infections.

Here are 5 Foods to have on an Empty Stomach if You are Insulin Resistant

1. Methi Seeds

Start each morning with methi, or fenugreek seeds, which help in controlling insulin resistance. Take two tablespoons of methi seeds soaked in water the previous night, and strain in the morning. Drink this water on an empty stomach; it helps in increasing insulin sensitivity and brings down blood sugar by increasing glucose metabolism and decreasing inflammation.

2. Cinnamon Tea

Swap your regular chai/cup of milk for cinnamon tea to kick start your mornings. Boil a two inch cinnamon stick in 300 ml of water and strain the mixture. Cinnamon has been shown to increase insulin sensitivity and glucose in cells, hence reducing levels of blood sugar and enhancing insulin function.

3. Soaked Nuts

Instead of eating nuts like walnuts and almonds dry, try soaking them in water and having them first thing in the morning. Soaked nuts improve insulin sensitivity and decrease inflammation since they are a good source of healthy fats, fibers, and antioxidants.

4. Amla Shots

Amla shots work effectively not only in raising immunity but also in controlling insulin resistance. Amla comes packed with Vitamin C and antioxidants very effectively increasing insulin sensitivity with fewer chances of oxidative stress and products for glucose metabolism, leading to a reduced sugar level.

5. Aloe Vera Extract

Aloe vera can be said to be multipurpose due to its numerous health benefits. Beneficial effects include improvement of insulin sensitivity and reduction of inflammation by increasing glucose uptake in cells and reducing oxidative stress.

Including these foods in your daily morning regimen will aid in the natural management of your insulin resistance. With these expert recommended pantry staples to kickstart your day, not only are your blood sugar levels well-regulated, but they support your overall health too.

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How to Stop a Heart Attack : कब दिखते हैं हार्ट अटैक के लक्षण, जानिए क्या है संकेत https://wellnesshealthorganic.com/how-to-stop-a-heart-attack-in-30-seconds/ https://wellnesshealthorganic.com/how-to-stop-a-heart-attack-in-30-seconds/#respond Sat, 10 Aug 2024 15:52:25 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5365 How to Stop a Heart Attack : हार्ट अटैक के लक्षण कुछ महीने के अंदर ही शरीर में दिखाई देने लग जाते हैं। शरीर में होने वाली छोटी-मोटी दिक्कतों पर भी ध्यान देना जरूरी होता है। इस तरह की समस्या बड़ी बन जाती है और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। आजकल बहुत कम उम्र के लोगों को भी हार्ड का खतरा रहता है। हार्ट अटैक की बीमारी इतनी खतरनाक है कि अस्पताल पहुंचने तक का समय भी नहीं देती है यह बीमारी अचानक से आती है और जान ले लेती है। अगर आपको भी हाथ से जुड़ी बीमारी का खतरा हो रहा है तो इसके कुछ संकेत के बारे में जान लीजिए। बहुत लोग ऐसे होते हैं जो संकेत को इग्नोर कर देते हैं। ऐसे में आपको उनके बारे में जानकर सावधान रहना चाहिए। हार्ट अटैक को लेकर कहीं ऐसी बातें हैं जो हार्ट के पेशेंट को पता होना चाहिए।

भूख ना लगना

हार्ट अटैक के कई संकेत होते हैं इसके बारे में आपको पता होना चाहिए। सबसे पहला लक्षण यह होता है कि आपको तीन से चार महीने पहले ही हिंट मिल जाता है। ऐसे में भूख लगा कम हो जाता है। हार्ट अटैक के लक्षण का यह संकेत है कि खाना खाने का मन नहीं करता स्वादिष्ट खाना देखकर भी मुंह में पानी नहीं आता है।

खाना न पचना

अगर हार्ट में किसी तरह की प्रॉब्लम होती है तो लीवर को खाना पचाने में परेशानी आती है। इसके अलावा पेट में गैस जैसी समस्या बन जाती है हाथ से जुड़ी समस्या की वजह से पेट भरा भरा और फुला हुआ महसूस होता है। अगर आपको भी यह संकेत महसूस हो रहे हैं तो समझ लीजिए की हार्ट अटैक का खतरा बना हुआ है। यह एक बहुत बड़ा संकेत है जिससे आप हार्ट अटैक का पता लगा सकते हैं।

सांस फूलना

अक्सर ऐसा होता है कि कुछ लोगों को 500 मीटर चलने में भी सांस फूलने लग जाती है। इसके अलावा दो से तीन सीढियां चढ़ना भी मुश्किल हो जाता है। अगर आपको भी ज्यादा से ज्यादा पसीना आता है तो यह आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। यह सभी संकेत हार्ट अटैक के लक्षण होते हैं। हार्ड का खतरा होने से पहले जबड़े में दर्द शुरू हो जाता है।

कैसे बचें

आपको हार्ट अटैक का कोई भी लक्षण नजर आता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर आप समय से पहले जागरूक हो जाते हैं तो हार्ट अटैक के खतरे को रोका जा सकता है। आपको दिन में रोजाना कम से कम 45 मिनट तक वक्त एक्सरसाइज करना है। इसके अलावा हेल्दी डाइट लेना चाहिए। हार्ड पेशेंट को ज्यादा से ज्यादा मसाला खाने से बचना चाहिए।

 

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Hypertension Symptoms : हाइपरटेंशन की वजह से होती है यह बीमारियां, लाइफस्टाइल में करें बदलाव https://wellnesshealthorganic.com/hypertension-symptoms-ke-karan-hoti-hai-bimari/ https://wellnesshealthorganic.com/hypertension-symptoms-ke-karan-hoti-hai-bimari/#respond Fri, 09 Aug 2024 09:54:57 +0000 https://wellnesshealthorganic.com/?p=5343 Hypertension Symptoms : हाइपरटेंशन आज के समय में एक बहुत बड़ी चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि इसकी वजह से कई तरह की बीमारियां और लग जाती हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो हमारे आसपास मौजूद हर दूसरा व्यक्ति इससे पीड़ित रहता है। इस बीमारी को ज्यादातर ब्लड प्रेशर के नाम से जाना जाता है। हाइपरटेंशन की वजह से स्ट्रोक किडनी डैमेज कमजोर विजन जैसी बीमारियां होने लग जाती हैं। अगर आप भी इस बीमारी से पीड़ित है तो आपको अपनी लाइफ स्टाइल में कुछ खास बदलाव करने होंगे।

हाइपरटेंशन को ना करें इग्नोर

आज के समय में हाई बीपी की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है हर कोई इस समस्या से परेशान रहता है। आपको इस बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हाइपरटेंशन की वजह से छोटी-मोटी बीमारियां भी गंभीर रूप ले लेती है। स्ट्रोक, किडनी डैमेज, कमजोर विजन, जैसी चीज आपको बीमार बना सकती है। आपको इस तरह की छोटी-मोटी बीमारी को इग्नोर नहीं करना चाहिए इसके लक्षण के बारे में जानकर सही समय पर इलाज लेना चाहिए। नीचे आपको हाइपरटेंशन के सिम्टम्स बताए गए हैं इसके तुरंत बाद आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

हाइपरटेंशन के सिम्टम्स

सर दर्द
सांस फूलना
धुंधलापन
कमजोरी
चक्कर आना
सीने में दर्द
कान में दर्द
हार्टबीट बढ़ जाना
नाक से खून आना

इन तरीकों से कंट्रोल करें हाइपरटेंशन

हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ने पर हाइपरटेंशन का खतरा भी बढ़ जाता है। तनाव पैदा होने की वजह से दिमाग पर लोड बढ़ जाता है जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है। ऐसे में आपको तनाव कम करना चाहिए इसके कई तरीके हैं आपको लोगों से मिलते जुलते रहना चाहिए। उन लोगों के साथ रहे जो हंसी मजाकिया हो इस तरह से आपका माहौल बदलेगा यह आपके दिमाग को शांत करने में काफी मददगार है। इसके अलावा आप चाहे तो डॉक्टर की भी सलाह ले सकते हैं।

आजकल लोग अपना ज्यादातर समय मोबाइल फोन में बिताते हैं रात को देर रात तक जागते हैं। और फोन इस्तेमाल करते हैं नींद का पूरा न होना भी आपके इस बीमारी को बढ़ा सकता है। आपको सुबह उठते ही कॉर्टिसोल लेवल स्ट्रेस हार्मोन ट्रिगर बढ़ जाता है। आपको हाइपरटेंशन से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और नींद पूरा करना चाहिए।

हाइपरटेंशन की बीमारी में व्यक्ति को अपनी शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। ऐसे में जरूरी है कि आप कुछ एक्सरसाइज करें जिसमें साइकलिंग ब्रिस्क वाकिंग जॉगिंग टेनिस जुंबा आदि शामिल होना चाहिए। इस तरह की एक्सरसाइज से हाइपरटेंशन काम हो जाता है। इसके अलावा आप वेट लिफ्टिंग, स्काई डाइविंग, स्कूबा डाइविंग जैसी एक्सरसाइज से आपको बचकर रहना चाहिए।

आपको एक अच्छा डाइट भी फॉलो करना चाहिए जो हाइपरटेंशन की बीमारी को कम कर देता है कंट्रोल करता है। आपको रोजाना अपनी डाइट में फल सब्जियां साबुत अनाज मीत जैसी चीजों को शामिल कर लेना चाहिए। इसके अलावा आपको कुछ चीजों से परहेज भी करना चाहिए जिसमें स्मोक अल्कोहल प्रोसेस्ड फूड जैसी चीज शामिल है।

 

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