In-Vitro Gametes: आज के समय में ख़राब खानपान और अन्य कारणों की वजह से बांझपन की समस्या आम हो गयी है. देश-विदेश में इस प्रकार की समस्या से निजात पाने के लिए कई तरीके आजमाए जा रहे हैं. वर्तमान समय में कई कपल्स बच्चे का सुख पाने के लिए IVF (In Vitro Fertilization) को अपना रहे हैं. लेकिन अब आईवीएफ के अतिरिक्त भी “In-Vitro Gametes (IVGs) यानि स्टेम सेल्स के माध्यम से भी बच्चे पैदा किया जा सकेंगें.
आईवीएफ के अतिरिक्त भी हमारे देश में कई ऐसे तरीकों को विकसित किया जा रहा है, जिनसे कपल्स अपना बच्चा पैदा कर सकेंगे. भारत ही नहीं कई दूसरे देशों में भी यह तरीका प्रजनन क्षेत्र में क्रांति लाएगा.
जनिये क्या होता है In-Vitro Gametes
दरअसल , IVF (In Vitro Fertilization) में कई जटिल चरणों से होकर गुजरना पड़ता है जिसमें कई महीने लग सकते हैं और यह हर किसी के लिए कारगर नहीं होता. इतना ही नहीं इस प्रक्रिया से बने बच्चों के जन्म में भी जोखिम संभावित रहता है. आईवीएफ किसी रोलर कोस्टर से कम नहीं होता है. वही IVG एक उन्नत तकनीक है ,इस तकनीक में लैब में अण्डे और स्पर्म दोनों को बनाया जायेगा जिसे इन-विट्रो गेमेट्स (IVGs) कहा जाता है.
स्टेम सेल्स के माध्यम से बनाया जायेगा भ्रूण
ब्रिटेन की Human Fertilization and Embryology Authority (HFEA) की एक रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों द्वारा लैब में एग्स और स्पर्म बनाने की तकनीक को विकसित किया जा रहा है.आने वाले 10-12 सालों में लैब में Egg और Sperm को बनाकर बच्चे पैदा किए जा सकेंगे, जिससे समलैंगिंक कपल्स का भी पेरेंट्स बनने का सपना पूरा हो सकेगा.
क्या है स्टेम सेल्स तकनीक
जहां आईवीएफ और इसके अतिरिक्त दूसरे अन्य तरीकों से बच्चे पैदा करना थका देने वाली प्रकिया है, जबकि stem cells technology में अंडे और स्पर्म को निकालने की आवश्यकता नहीं होती. स्टेम सेल्स तकनीक में डॉक्टर द्वारा इच्छित कपल की त्वचा ,बालों के स्ट्रैंड या ब्लड से स्टेम सेल का उपयोग किया जायेगा और इन सेल्स को ही अंडे या स्पर्म में बदला जायेगा.सेल्स से बनाये गए अंडे और शुक्राणु के जरिये एक भ्रूण तैयार किया जायेगा और इसे महिला के गर्भ में ट्रांसप्लांट किया जाएगा. बच्चा माँ के गर्भ में 9 माह में तैयार होगा.
यह भी पढ़ें – Thyroid Winter Yoga Tips: सर्दियों में बढ़ रहा है थायराइड का खतरा, बाबा रामदेव से जानें कंट्रोल करने के उपाय